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श्रीकृष्ण लीला का चिन्तन
55. ब्रह्मा जी द्वारा की गयी स्तुति एवं प्रार्थना
सच्चे भक्तों की भावना- व्रजेन्द्र नन्दन श्रीकृष्णचन्द्र पर ही अपना सर्वख न्यौछावन कर चुकने वाले प्रेमीजनों के चिरजीवन की लालसा पितामह के भक्तिपूरित अन्तस्तल की सरिता में हिलोरें ले रही है। सचमुच जिनके जीवन में श्रीकृष्ण सेवाधिकार प्राप्त होने का उपक्रम होता है, उनमें एकमात्र इतनी-सी चाह ही बच रहती है-
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
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