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श्रीकृष्ण लीला का चिन्तन
75. गोप-बालकों के साथ बलराम-श्रीकृष्ण की विविध मनोहारिणी लीलाएँ
कौन पहचान सकता है इस समय परब्रह्म पुरुषोत्तम को इस वेश में? एक प्राकृत शिशु और उनमें क्या अन्तर है?-
इसीलिये कंस प्रेरित प्रलम्ब दैत्य भी भ्रमित हो गया, प्रत्यक्ष दर्शन पा कर भी नहीं पहचान सका वह अनन्तैश्वर्य निकेतन प्रभु को और अब गोप शिशु का वेश धारण कर उन विश्वपति की वञ्चना करने चला है वह मूढ़!-
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
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