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श्रीकृष्ण लीला का चिन्तन
69. नाग पत्नियों का भी अपने शिशुओं को लेकर श्रीकृष्ण की शरण में उपस्थित होना, स्तुति एवं प्रणाम करना और पति के जीवन की भिक्षा माँगना; श्रीकृष्ण का करुणापूर्वक कालिय के फनों से नीचे उतर आना
नाग सुन्दरियों का यह स्तवन समाप्त होते-न-होते नीलसुन्दर के अरुणिम अधरों पर समुज्ज्वल स्मित भरने लगता है। अन्तर्हृदय में उठी हुई करुणा की ऊर्मियाँ श्यामल अंगों को चञ्चल करने लगती हैं। पुनः पीत दुकूल झलमल करने लगता है और देखते-ही-देखते वे कालिय के फनों से उतर आते हैं-
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
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