श्रीकृष्ण लीला का चिन्तन
65. श्रीकृष्ण के द्वारा कालिय ह्नद के नीचे तक उद्वेलित होने पर कालिय का क्रुद्ध होकर बाहर निकलना, श्रीकृष्ण को बार-बार कई अंगों में डसना और अन्त में उनके शरीर को सब ओर से वेष्टित कर लेना; यह देखकर तट पर खड़े हुए गोपों और गोप बालकों का मूर्च्छित होकर गिर पड़ना
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (श्रीमद्भा. 10। 16। 8)
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