श्यामा-श्याम युगल चरणों में -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

वंदना एवं प्रार्थना

Prev.png
राग भीमपलासी - ताल कहरवा


श्यामा-श्याम युगल चरणों में करुण प्रार्थना है यह आज।
सुनो दयामयि! करुणामय हे! महाभावरूपा! रसराज!॥
गोकुलचन्द्र, गोपिकावल्लभ, राधाप्रिय, हे आनँदकन्द!।
दिव्यरसामृत-सरिता जिनके रस-लोलुप सत्‌‌-चित्‌-‌आनन्द॥
मंगलमय यश सुनूँ तुम्हारा, करूँ नाम-यश-गुण नित गान।
उभय पाद-पद्मों की सेवा करूँ नित्य तज सब अभिमान॥
कृष्णप्रिया-शिरोमणि रसमयि! रसमय प्रभु! हे श्यामा-श्याम!।
रहै बरसती कृपा तुम्हारी नित्य अधम जनपर अविराम॥
रक्खो सदा शरण में ही निज इस पामरको विरद विचार।
जर्जर देह-प्राण-मन अब तो रहें न पलभर तुम्हें बिसार॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः