मीराँबाई की पदावली
विरह निवेदन
वारी-वारी हो राम हूँ वारी, तुम आज्या गली हमारी ।।टेक।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वारी वारी = बलिहारी जाती हूँ। आज्यो = आ जाओ। रँग राते = प्रेम में फँस गये हो। तकसीर = अपराध, भूल चूक।
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