वराह अवतार हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से तृतीय अवतार था। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान वराह अवतरित हुए थे।
- भगवान विष्णु ने दैत्य हिरण्याक्ष का वध करने के लिये वराह रूप धारण किया था। इस रूप में उन्होंने हिरण्याक्ष के चुंगल से पृथ्वी को मुक्त कराया था।
- पौराणिक चित्रों में वराह भगवान पृथ्वी को अपने दाँतों के ऊपर संतुलित करके सागर से बाहर निकालकर लाते हुए दिखाये जाते हैं।
- वराह को पूर्णत: वराह (जंगली सूअर) के अतिरिक्त कई अन्य चित्रों में अर्धमानव तथा अर्धवराह के रूप में भी दर्शाया जाता है।
- वराह अवतार के मानव शरीर पर वराह का सिर और चार हाथ हैं, जो कि भगवान विष्णु की तरह शंख, चक्र, गदा और पद्म लिये हुये दैत्य हिरणाक्ष से युद्ध कर रहे हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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