ललना झुलै हिडोरै सोभा तनु गोरै -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग बिहागरौ


ललना झुलै हिडोरै सोभा तनु गोरै।
नील पीत पट घन दामिनी कौ भोरै।
सोभा सिंधु मन बोरै गोपी चहुँ ओरै।
नैननि नैन जोरै झूलै थोरै थोरै।।
पवन गवन आवै सौधे की झकोरै।
तन मन बारै या छवि पर तृन तोरै।।
'सूर' प्रभु चित चोरै नैकु अँग मोरै।
सुनि मुरलि घोरै सुरबधु सीस ढोरै।।2839।।

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