विषय सूची
श्रीराधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ
श्रीरासपञ्चाध्यायी लीला(श्लोक)
अर्थ- हे प्रानबल्लभ, तुम्हरौ प्रगट होनौ ब्रजवासी और बनवासीन के दुख दूर करिबेवारौ और बिस्व कौ मंगल करिबेवारौ है। या कारन तुम्हारी कामना ते हमारो चित्त ब्याकुल है सो अपने भक्त जनन की पीरा दूर करिबेवारी औषधि कछु हम कूँ देऔ।
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | विषय का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज