राधा-माधव इकरूप -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्रीराधा कृष्ण जन्म महोत्सव एवं जय गान

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तर्ज रसिया - ताल कहरवा



राधा-माधव इकरूप, लीला में भिन्न-स्वरूप,
दोनों ही एक भगवान। बोलो जय राधे०॥
राधा माधव की माया, माधव राधा की छाया,
हैं छाया-मायावान। बोलो जय राधे०॥
राधा माधव की प्यारी, माधव राधा-मन-हारी,
दोनों दोनों के प्रान। बोलो जय राधे०॥
राधा-मन में जो आती, माधव को वही सुहाती,
दोनों की राय समान। बोलो जय राधे०॥
राधा को सो‌इ सुहावै, माधव-मन में जो आवै,
दोनों का एक मन जान। बोलो जय राधे०॥
राधा-माधव की जोड़ी, जी‌ओ जुग लाख-करोड़ी,
दोनों हों सुखी महान। बोलो जय राधे०॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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