राजा (महाभारत संदर्भ) 2

  • न युक्तस्त्ववमानोऽयं राज्ञां कर्तुं त्वया।[1]

तुम्हारे द्वारा राजाओं का अपमान किया जाना उचित नहीं।

  • अतिगृद्धा राजानो विनिघ्नंतीतरेतरम्।[2]

अतिलोभ के कारण राजा एक-दूसरे को मारते हैं।

  • रिक्तपाणिर्न पश्येत राजानं ब्राह्मणं स्त्रियम्।[3]

राजा, ब्राह्मण और स्त्री से ख़ाली हाथ मिलने न जाये।

  • यादृशो जायते राजा तादृशोऽस्य जनो भवेत्।[4]

यथा राजा तथा प्रजा।

  • सत्ये हि राजा निरत: प्रेत्य चेह च नंदति।[5]

सत्य में आसक्त राजा जीते जी और मरके भी आनन्द पाता है।

  • न कोश: परमोऽन्योऽस्ति राज्ञां पुरुषसंचयात्।[6]

राजाओं के लिये जनता के संग्रह से बड़ा कोई धन नहीं है।

  • नित्योद्युक्तेन वै राज्ञा भवितव्यम्।[7]

राजा को सदा उद्योग करते रहना चाहिये।

  • परिनिष्ठतकार्यस्तु नृपति: परिपालनात्।[8]

प्रजा की रक्षा करने से राजा का कर्तव्य पूरा हो जाता है।

  • सभी धर्मा राजधर्मप्रधाना:।[9]

सभी धर्मो में राजधर्म ही प्रधान है।

  • निर्मर्यादा काममन्युप्रवृत्ता भीता राज्ञो नाधिगच्छन्ति पापम्।[10]

कामुक, क्रोधी और मर्यादाहीन लोग राजा के भय से पाप नहीं करते।

  • राजैव कर्तव्य: सततं भूतिमिच्छता।[11]

अपने कल्याण की इच्छुक प्रजा को सदा राजा बनाये रखना चाहिये।

  • विष्वग्लोप: प्रवर्तेत यदि राजा न पालयेत्।[12]

यदि राजा रक्षा न करे तो सर्वस्व नष्ट हो जाये।

  • अधर्म: प्रगहीत: स्याद् यदि राजा न पालयेत्।[13]

यदि राजा रक्षा न करे तो सभी के द्वारा अधर्म अपना लिया जाता है।

  • ममत्वं च न विंदेयुर्यदि राजा न पालयेत्।[14]

यदि राजा रक्षा न करे तो कोई किसी वस्तु को अपनी नहीं कह सकता

  • दुर्भिक्षमाविशेद् राष्ट्रं यदि राजा न पालयेत्।[15]

यदि राजा रक्षा न करे तो देश में अकाल पड़ जाये।

  • न हि राज्ञ: प्रतिपानि कुर्वन् सुखमवाप्नुयात्।[16]

राजा के प्रतिकूल आचरण करने वाला मनुष्य सुख नहीं पाता।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उद्योगपर्व महाभारत 178.31
  2. भीष्मपर्व महाभारत 4.21
  3. द्रोणपर्व महाभारत 174.43
  4. स्त्रीपर्व महाभारत 8.32
  5. शांतिपर्व महाभारत 56.17
  6. शांतिपर्व महाभारत 56.34
  7. शांतिपर्व महाभारत 57.1
  8. शांतिपर्व महाभारत 60.20
  9. शांतिपर्व महाभारत 63.27
  10. शांतिपर्व महाभारत 64.28
  11. शांतिपर्व महाभारत 67.12
  12. शांतिपर्व महाभारत 67.15
  13. शांतिपर्व महाभारत 67.17
  14. शांतिपर्व महाभारत 68.19
  15. शांतिपर्व महाभारत 68.29
  16. शांतिपर्व महाभारत 68.49

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