राखी बांधत जसोदा मैया -परमानंददास

राखी बांधत जसोदा मैया -परमानंददास

Prev.png



राखी बांधत जसोदा मैया।
बहु सिंगार सजे आभूषण गिरिधर भैया॥1॥
रतन खचित राखी बांधि कर, पुन पुन लेत बलैया।
सकल भोग आगे धर राखे, जनक जु लेहु कन्हैया ॥2॥
यह छबि देख मग्न नंद रानी, निरख निरख सचु पैया।
जियो जसोदा पूत तिहारो परमानंद बल जैया ॥3॥

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः