योगिराज श्रीकृष्ण -लाला लाजपतराय पृ. 9

योगिराज श्रीकृष्ण -लाला लाजपतराय

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अन्य ग्रन्थ


1. द आर्यसमाज: आर्यसमाज के सिद्धान्तों, कार्यो तथा उसके संस्थापक स्वामी दयानन्द के जीवन एवं कृतित्व का विश्लेषण करने वाला यह अंग्रेजी ग्रन्थ 1914 में लिखा गया था। उस समय लाला जी लंदन में थे। सुप्रसिद्ध लांगमैंस ग्रीन एण्ड कम्पनी ने इसे 1915 में प्रथम बार लंदन से ही प्रकाशित किया। इसका एक भारतीय संस्करण प्रिंसिपल श्रीराम शर्मा ने सम्पादित किया, जिसमें उपयुक्त परिवर्धन भी किया गया था। ओरियेण्ट लांगमैंस, नई दिल्ली ने इसे 1967 में प्रकाशित किया। इन पंक्तियों के लेखक ने इसका हिन्दी अनुवाद किया जिसके दो संस्करण क्रमशः 1982 तथा 1994 में अजमेर तथा दिल्ली से प्रकाशित हुए। दिल्ली के ही विभिन्न प्रकाशकों ने हाल ही में इसके मूल अंग्रेजी संस्करण प्रकाशित किये हैं। तरक्किए उर्दू बोर्ड, दिल्ली ने इसका उर्दू अनुवाद किशोर सुल्तान से करवाकर प्रकाशित किया है।

2. द मैसेज ऑफ भगवद्गीता: इण्डियन प्रेस, इलाहाबाद से 1908 में प्रकाशित।

3. अनहैप्पी इण्डिया: मिस कैथराइन मेयो नामक एक चालाक अमरीकी महिला पत्रकार ने भारत को बदनाम करने तथा उसे स्वराज्य के लिए अयोग्य सिद्ध करने की दृष्टि से ब्रिटिश साम्राज्यवादी शासकों की प्रेरणा पाकर ‘मदर इण्डिया’ नामक एक पुस्तक लिखी जो भारतीय चरित्र को अत्यन्त विकृत, दूषित तथा घृणोत्पादक शैली में प्रस्तुत करती थी। महात्मा गाँधी ने पढ़कर इसे ‘गंदी नाली के निरीक्षक की रिपोर्ट’ कहा था। लाला जी ने इस पूर्वाग्रहयुक्त पुस्तक का सटीक और मुँहतोड़ उत्तर 1928 में ‘अनहैप्पी इण्डिया’ लिखकर दिया। ‘दुखी भारत’ शीर्षक से इसका हिन्दी अनुवाद इण्डियन प्रेस, इलाहाबाद ने ही प्रकाशित किया था।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

योगिराज श्रीकृष्ण -लाला लाजपतराय
अध्याय अध्याय का नाम पृष्ठ संख्या
ग्रन्थकार लाला लाजपतराय 1
प्रस्तावना 17
भूमिका 22
2. श्रीकृष्णचन्द्र का वंश 50
3. श्रीकृष्ण का जन्म 53
4. बाल्यावस्था : गोकुल ग्राम 57
5. गोकुल से वृन्दावन गमन 61
6. रासलीला का रहस्य 63
7. कृष्ण और बलराम का मथुरा आगमन और कंस-वध 67
8. उग्रसेन का राज्यारोहण और कृष्ण की शिक्षा 69
9. मथुरा पर मगध देश के राजा का जरासंध का आक्रमण 71
10. कृष्ण का विवाह 72
11. श्रीकृष्ण के अन्य युद्ध 73
12. द्रौपदी का स्वयंवर और श्रीकृष्ण की पांडुपुत्रों से भेंट 74
13. कृष्ण की बहन सुभद्रा के साथ अर्जुन का विवाह 75
14. खांडवप्रस्थ के वन में अर्जुन और श्रीकृष्ण 77
15. राजसूय यज्ञ 79
16. कृष्ण, अर्जुन और भीम का जरासंध की राजधानी में आगमन 83
17. राजसूय यज्ञ का आरम्भ : महाभारत की भूमिका 86
18. कृष्ण-पाण्डव मिलन 89
19. महाराज विराट के यहाँ पाण्डवों के सहायकों की सभा 90
20. दुर्योधन और अर्जुन का द्वारिका-गमन 93
21. संजय का दौत्य कर्म 94
22. कृष्णचन्द्र का दौत्य कर्म 98
23. कृष्ण का हस्तिनापुर आगमन 101
24. विदुर और कृष्ण का वार्तालाप 103
25. कृष्ण के दूतत्व का अन्त 109
26. कृष्ण-कर्ण संवाद 111
27. महाभारत का युद्ध 112
28. भीष्म की पराजय 115
29. महाभारत के युद्ध का दूसरा दृश्य : आचार्य द्रोण का सेनापतित्व 118
30. महाभारत के युद्ध का तीसरा दृश्य : कर्ण और अर्जुन का युद्ध 122
31. अन्तिम दृश्य व समाप्ति 123
32. युधिष्ठिर का राज्याभिषेक 126
33. महाराज श्रीकृष्ण के जीवन का अन्तिम भाग 128
34. क्या कृष्ण परमेश्वर के अवतार थे? 130
35. कृष्ण महाराज की शिक्षा 136
36. अंतिम पृष्ठ 151

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