योगिराज श्रीकृष्ण -लाला लाजपतराय
7. पुराणों की प्राचीनता
(अ) यह बात हिन्दुओं में साधारणतः प्रसिद्ध है कि महाभारत के युद्ध से कलियुग का आरम्भ हुआ है और कृष्ण का जन्म द्वापर में हुआ है। कलियुग को आरम्भ हुए लगभग 5000 वर्ष माने जाते हैं। गणितशास्त्र वाले भी कलियुग का आरम्भ 4996 वर्ष से निश्चय करते हैं। (क) कश्मीर के इतिहास ‘राजतरंगिणी’ का लेखक कल्हण लिखता है कि कलियुग के 653वें वर्ष में गौड नामक राजा कश्मीर में वर्तमान था और युधिष्ठिर तथा कौरव वन में थे। गौड ने लगभग 65 वर्ष राज्य किया जिससे युधिष्ठिर का समय लगभग 2400 वर्ष मसीह से पूर्व स्थिर होता है अर्थात आज से 4300 वर्ष होते हैं। (ख) विष्णुपुराण से ज्ञात होता है कि युधिष्ठिर का पोता परीक्षित राजा नन्द से 1015 वर्ष पहले हुआ। पहला राजा चन्द्रगुप्त से 100 वर्ष पूर्व हुआ। चन्द्रगुप्त ने मसीह से 3015 वर्ष पहले राज्य पाया जिससे परीक्षित का समय 1430 वर्ष मसीह पूर्व स्थिर होता है। (ग) एक दूसरे स्थान पर विष्णुपुराण का समय 1200 वर्ष कलियुगी ठहराता है जिससे परीक्षित का काल लगभग 1900 वर्ष मसीह पूर्व सिद्ध होता है। (घ) महाभारत के पढ़ने से विदित होता है कि जिस समय महाभारत की लड़ाई हुई थी उस समय छोटा दिन और सबसे बड़ी रात माघ महीने में हुआ करती थी क्योंकि भीष्म पितामह सूर्य के[1] दक्षिण में चले जाने पर मृत्यु को प्राप्त हुए। परन्तु अब 24 दिसम्बर को सबसे बड़ी रात और सबसे छोटा दिन होता है। ज्योतिषविद्या के जानने वाले बताते हैं कि इस परिवर्तन को हुए कम-से-कम 3426 वर्ष हुए हैं जिससे यह परिणाम निकलता है कि महाभारत को भी 3426 वर्ष से कम नहीं हुए, अधिक चाहे कुछ और हों। (च) ज्योतिषविद्या की सहायता से जो यह परिणाम निकलता है उसके विषय में मि. बाल गंगाधर तिलक ने ‘ओरयिन’ नामक अपने ग्रंथ में बहुत कुछ तर्क-विर्तक करने के पश्चात लिखा है कि वह समय जब माघ मास में सूर्य उत्तरायण में होता था बहुत प्राचीन सिद्ध होता है। इसके अतिरिक्त प्राचीन संस्कृत साहित्य में महाभारत के प्रायः सभी वीरों का वर्णन आता है, जिससे यूरोपीय पुरातत्त्वज्ञ सिद्ध करते हैं कि महाभारत की असली लड़ाई इन ग्रंथों के रचे जाने से बहुत पहले हो चुकी थी। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ख़ते उस्तवा
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