आज अनारी ले गयो सारी, बैठि कदम की डारी हे माय।
म्हारे गैल पर्यो गिरधारी हे माय, आज अनारी ले गयो सारी। (टेर)
मैं जल जमुना भरन गई थी, आ गयो कृष्णमुरारी हे माय।।1।।
ले गयो सारी म्हारी अनारी, जल में खड़ी उघारी हे माय।।2।।
सखी सयानी मोरी हँसत हैं, हँसि हँसि देवैं तारी हे माय।।3।।
सास बुरी अरु ननद हठीली, लरि लरि दे मोहिं गारी हे माय।।4।।[1]