मोरपखा सिर ऊपर राखि हौं -रसखान

Prev.png

कर कानन कुंडल मोरपखा -रसखान

मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं, गुंज की माल गरे पहिरौंगी।
ओढ़ि पितम्बर लै लकुटी, बन गोधन ग्वारन संग फिरौंगी।।
भावतो मोहि मेरो रसखान, सो तेरे कहे सब स्वाँग भरौंगी।
या मुरली मुरलीधर की, अधरान धरी अधरा न धरौंगी।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः