मीराँबाई की पदावली
वियोग
राग सोहनी
मैं जाणयो नाहीं प्रभु को मिलण कैसे होइरी ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ प्रभु को मिलण = प्रभु से मिलना। जान्यौ नाहीं = जाना नहीं। सजना = पति, प्रियतम। फिरिगये = लौट गए। अँगना = आँगन से। अभागण = अभागिनी। सोइ = सोई। करूं... कंथा = गले में कंथावा गुदड़ी पहन लूँ। वैरागण = योगिनी। वखेरूँ = बिखरा दूं, मिटा दूं। मोई = मुझे।
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