टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ने
- ↑ ऊँची चढ़ चढ़ पंथ निहारूँ रोय रोय अखियाँ राती
- ↑ तुम देख्याँ बिन, इ०
- ↑ कहे
- ↑ - कूँ = को, के नाम। जानि बूझ = समझ बूझ कर। गुझवाती = गुह्य वा गुप्त बात। स्याम... गुझवाती = श्रीकृष्ण ने कुछ समझ बूझ कर ही मौन धारण कर रक्खा है। जोइ जोइ = देखते देखते। हीयो = हृदय। छाती = छाती के भीतर। पूरब... साथी = पूर्वजन्म के संबंध की ओर निर्देश। दे० विशेष पद (19)।
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