मीराँबाई की पदावली पृ. 39

मीराँबाई की पदावली

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भाषा

2. ब्रजभाषा –
मीरां मन मानी सुरत सैल असमानी।
जब जब सुरत लगे वा घर की, पल पल नैनन पानी, आदि। [1]
यह विधि भक्ति कैसे होय ।
मन की मैल हियते न छूटी, दियो तिलक सिर धोय, आदि।[2]
सखीरी लाज बैरन भई ।
श्री लाल गोपाल के संग, काहे नाहीं गई, आदि।[3]
3. पंजाबी –
हो काँनाँ किन गूँथी जुल्फाँ कारियाँ, आदि।[4]
लागो सोही जाणै कठण लगण दी पीर, आदि।[5]
4. गुजराती –
प्रेमनी प्रेमनी प्रेमनी वरे मने लागी कटारी प्रेमनी ।
जल जमुना मां भरवा गमाँताँ, हती गागर माथे हेमनीरे, आदि।[6]
5. खड़ी बोली –
श्री गिरधर आगे नाचूँगी ।
नाचि नाचि पिव रसिक रिझाऊँ, आदि।[7]
6. पूरबी –
जसुमति के दुवरवां, ग्वालिन सब जाय।
बरजहु आपन दुलरुवा, हमसों अरुझाय, आदि।[8]

सूचना – इस भाषा – प्रकरण के लिखने में, कई स्थलों पर, श्री नरोत्तमदास स्वामी एम. ए. द्वारा सम्पादित मीराँ मंदाकिनी की 'प्रस्तावना' के पृ. 14 – 23 से भी सहायता ली गई है। (सम्पादक) ।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पद 159
  2. पद 162
  3. पद 183
  4. पद 165
  5. पद 191
  6. पद 174
  7. पद 14
  8. पद 6

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