टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रमैयो
- ↑ चोरी छुपके
- ↑ आँखो खोली
- ↑ ‘तनका गहना मैं सब तज दीन्हा, दियो है बाजूबंद खोल ।‘
- ↑ माई री = अरी सखी ( परस्पर बातचीत करते समय स्त्रियों में एक दूसरे के प्रति बहुधा किसे जाने वाले व्यवहारानुसार )। लीयो = लिया है। गोविन्दो = गोविन्द, कृष्ण ( ओ का प्रयोग यहाँ प्रेमप्रदर्शनार्थ हुआ है )। छाने = छिपकर, आँख बचाकर। चौड़े = खुले आम। बजन्ता ढोल = बजाते हुए, प्रकट रूप में। मुँहगो = महँगा। सुँहगो = सस्ता। लियोरी...तोल = नाप जोख कर। अमोलिक मोल = अनमोल समझ कर। जाणत है = जानते हैं। आँखी खोल = अच्छी तरह देख भालकर। पूरब जनम कौ कौल = पूर्व जन्म में किये गये वादे के अनुसार।
विशेष - अन्तिम पंक्तियों में मीराँ ने, जान पड़ता है, 'पूरब... कोल' द्वारा अपने के पूर्व जन्म में गोपी होने की ओर संकेत किया है। प्रसिद्ध है कि श्रीकृष्ण ने विरहिणी गोपियों को अगले जन्म में फिर मिलने के लिए वचन दिया था।
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