त्रयोविंश (23) अध्याय: सभा पर्व (जरासंधवध पर्व)
महाभारत: सभा पर्व: त्रयोविंश अध्याय: श्लोक 30-35 का हिन्दी अनुवाद
भगवान् श्रीकृष्ण के ऐसा कहने पर शत्रुवीरों का नाश करने वाले पाण्डुकुमार भीमसेन ने जरासंध को थका हुआ जानकर उसके वध का विचार किया। तदनन्तर कुरुकुल को आनन्दित करने वाले बलवानों में श्रेष्ठ वृकोदर ने उस अपराजित शत्रु जरासंध को जीतने के लिये भारी क्रोध धारण किया।
इस प्रकार श्रीमहाभारत सभापर्व के अन्तर्गत जरासंधवध पर्व में जरासंध की थकावट से सम्बन्ध रखने वाला तेईसवाँ अध्याय पूरा हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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