त्रिचत्वारिंश (43) अध्याय: विराट पर्व (गोहरण पर्व)
महाभारत: विराट पर्व: त्रिचत्वारिंश अध्याय: श्लोक 14-23 का हिन्दी अनुवाद
जिसके पृष्ठ भाग में मेढकी का चित्र है और जिसका मुख भाग भी मेढकी के मुख के समान ही बना हुआ है, यह विशाल खड्ग अर्जुन का है। यह युद्ध भूमि में भारी आघात को सह सकने में समथ और मजबूत है। जिसकी म्यान व्याघ्र की बनी हुई है, वह महान् खड्ग भीमसेन का है। यह भी गुरुतर भार वहन करने वाला, दिव्य एवं शत्रुओं के लिये भयंकर है। जिसकी धार सुन्दर एवं पतली है, जिसकी म्यान विचित्र और मूठ सोने की है, वह तीस अंगुल से बड़ा सर्वोत्तम खड्ग परम बुद्धिमान् कुरु नन्दन धर्मराज का है। जो बकरे के चमड़े की बनी हुई म्यानें हैं तथा न्पना प्रकार के युद्ध में शस्त्रों का भारी आघात सहन करने में समर्थ और मजबूत हैं, वही यह नकुल का खड्ग है। और यह जो गोचर्म की म्यान में रक्खा गया है, यह सहदेव का विशाल खड्ग है। इसे सब प्रकार के आघात - प्रत्याघात सहने में समर्थ और सुदृढ़ जानो। इस प्रकार श्रीमहाभारत विराट पर्व के अन्तर्गत गौहरण पर्व में उत्तर गोग्रह के अवसर पर आयुध वर्णन विषयक तैंतालीसवाँ अध्याय पूरा हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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