चतु:सप्ततितम (74) अध्याय: द्रोण पर्व ( प्रतिज्ञा पर्व )
इस प्रकार श्रीमहाभारत द्रोण पर्व के अन्तर्गत प्रतिज्ञा पर्व में जयद्रथ को आश्वासन विषयक चौहत्तरववाँ अध्याय पूरा हुआ। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ यद्यपि अब दुर्योधन के पास ग्यारह अक्षौहिणी सेनाएँ नहीं रह गयी थीं; तथापि ग्यारह भागों मे विभक्त उन सेनाओं में से जो लोग शेष बचे थे, उन्हीं को लेकर यहाँ ग्यारह अक्षौहिणी का उल्लेख किया है।
- ↑ नाशवान
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