विंश (20) अध्याय: द्रोण पर्व (संशप्तकवध पर्व)
महाराज! वह द्रोणाचार्य का वध करने के लिये पैदा हुआ था; इसलिये उसे देखकर मर्त्यभाव का आश्रय ले द्रोणाचार्य मोहित हो गये।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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महाराज! वह द्रोणाचार्य का वध करने के लिये पैदा हुआ था; इसलिये उसे देखकर मर्त्यभाव का आश्रय ले द्रोणाचार्य मोहित हो गये।
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