महाभारत उद्योग पर्व अध्याय 56 श्लोक 14-17

षट्पंचाशत्‍तम (56) अध्‍याय: उद्योग पर्व (यानसंधि पर्व)

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महाभारत: उद्योग पर्व: षट्पंचाशत्‍तम अध्याय: श्लोक 14-17 का हिन्दी अनुवाद
  • अर्जुन ने प्रसन्न होकर अपने छोटे भाई सहदेव को जो अश्व प्रदान किये थे, जिनके सम्पूर्ण अंग विचित्र रंग के हैं और पृष्‍ठभाग भी तीतर पक्षी के समान चित‍कबरे प्रतीत होते हैं तथा जो वीर भाई अर्जुन के अपने अश्वों की अपेक्षा भी उत्कृष्ट हैं, ऐसे सुन्दर अश्व बड़ी प्रसन्नता के साथ सहदेव के रथ का भार वहन करते हैं। (15)
  • अजमीढकुलनन्दन! देवराज इन्द्र के दिये हुए हरे रंग के उत्तम घोडे़, जो वायु के समान बलवान तथा वेगवान हैं, माद्रीकुमार वीर नकुल के रथ का भार वहन करते हैं। ठीक उसी तरह, जैसे पहले वे वृत्रशत्रु देवेन्द्र का भार वहन किया करते थे। (16)
  • अवस्था और बल-पराक्रम में पूर्वोक्त अश्वों के ही समान महान वेगशाली, विचित्र रूप-रंग वाले उत्तम जाति के अश्व सुभद्रानन्दन अभिमन्यु सहित द्रौपदी के पुत्रों का भार वहन करते हैं। वे विशाल अश्व भी देवताओं के दिये हुए हैं। (17)
इस प्रकार श्रीमहाभारत उद्योगपर्व के अन्तर्गत यानसंधिपर्व में संजयवाक्यविषयक छप्पनवां अध्‍याय पूरा हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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