महाभारत उद्योग पर्व अध्याय 23 श्लोक 26-28

त्रयोविंश (23) अध्‍याय: उद्योग पर्व (सेनोद्योग पर्व)

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महाभारत: उद्योग पर्व: त्रयोविंश अध्याय: श्लोक 26-28 का हिन्दी अनुवाद

कर्ण की खोटी सलाह के अनुसार घोष-यात्रा में गये हुए धृतराष्ट्र पुत्रों की द्वैतवन में जो पराजय हुई थी, उसमें वे सभी मन्द बुद्धि कौरव शत्रुओं के अधीन हो गये थे। उस समय भीमसेन और अर्जुन ही उन्हें बन्धन से मुक्त किया था। उस यु़द्ध में मैंने पीछे से रहकर यज्ञ के द्वारा अर्जुन की रक्षा की थी और भीमसेन ने नकुल तथा सहदेव का संरक्षण किया था गाण्डीवधारी अर्जुन ने शत्रुओं के समुदाय को मार गिराया था और स्वयं सकुशल लौट आये थे। क्या कौरव कभी उनकी याद करते है? संजय! यदि हम धृतराष्ट्र पुत्र दुर्योधन को सभी उपायों से नहीं जीत सकते तो केवल एक अच्छे व्यवहार से ही उसे सुखपूर्वक जीतना हमारे लिये निश्चय ही सम्भव नहीं है।

इस प्रकार श्रीमहाभारत के उद्योगपर्व के अन्तर्गत सेनोद्योगपर्व में पुरोहित प्रस्थान विषयक तेइसवाँ अध्याय पूरा हुआ।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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