एकचत्वारिंशदधिकशततम (141) अध्याय: उद्योग पर्व (भगवद्-यान पर्व)
महाभारत: उद्योग पर्व: एकचत्वारिंशदधिकशततम अध्याय: श्लोक 48-57 का हिन्दी अनुवाद
इस प्रकार श्रीमहाभारत उद्योगपर्वके अन्तर्गत भगवाद्यानपर्व में कर्णके द्वारा अपने निश्चित विचार का प्रतिपादनविषयक एक सौ इकतालीसवाँ अध्याय पूरा हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बीच-बीच में होने वाला विराम
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