एकादश (11) अध्याय: आश्रमवासिक पर्व (आश्रमवास पर्व)
महाभारत: आश्रमवासिक पर्व: एकादश अध्याय: श्लोक 18-25 का हिन्दी अनुवाद
भीमसेन को ऐसी बातें करते देख बुद्धिमान कुन्तीपुत्र राजा युधिष्ठिर ने उन्हें डाँटकर कहा- "चुप रहो।"
इस प्रकार श्रीमहाभारत आश्रमवासिक पर्व के अन्तर्गत आश्रमवास पर्व में ग्यारहवाँ अध्याय पूरा हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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