त्र्यधिकद्विशततम (203) अध्याय: आदि पर्व (विदुरागमन-राज्यलम्भ पर्व )
महाभारत: आदि पर्व: त्र्यधिकद्विशततम अध्याय: श्लोक 18-28 का हिन्दी अनुवाद
सुना है, पहले राजगृह में अम्बुबीच नाम से प्रसिद्ध एक राजा राज्य करते थे। वे मागध राजाओं में से एक थे। उनकी कोई भी इन्द्रिय कार्य करने में समर्थ नहीं थी, वे (श्वास के रोग से पीड़ित हो) एक स्थान पर पड़े पड़े लंबी सांसें खींचा करते थे; अत: प्रत्येक कार्य में उन्हें मन्त्री के ही अधीन रहना पड़ता था। उनके मन्त्री का नाम था महाकर्णि। उन दिनों वही वहाँ का एकमात्र राजा बन बैठा था। उसे सैनिक बल प्राप्त था, अत: अपने को सबल मानकर राजा की अवहेलना करता था। वह मूढ़ मन्त्री राजा के उपभोग में आने योग्य स्त्री, रत्न, धन तथा ऐश्वर्य को भी स्वयं ही भोगता था। वह सब पाकर उस लोभी का लोभ उत्तरोतर बढ़ता गया। इस प्रकार सारी चीजें लेकर वह उनके राज्य को भी हड़प लेने की इच्छा करने लगा। यद्यपि राजा सम्पूर्ण इन्द्रियों की शक्ति से रहित होने के कारण केवल ऊपर को सांस ही खींचा करता था, तथापि अत्यन्त प्रयत्न करने पर भी वह दुष्ट मन्त्री उनका राज्य न ले सका- यह बात हमने सुन रखी है। राजा का राजत्व भाग्य से ही सुरक्षित था (उनके प्रयत्न से नहीं;) (अत:) भाग्य से बढ़कर दूसरा सहारा क्या हो सकता है? महाराज! यदि आपके भाग्य में राज्य सदा होगा तो सब लोगों के देखते-देखते वह निश्चय ही आपके पास रहेगा और यदि भाग्य में राज्य का विधान नहीं है, तो आप यत्न करके भी उसे नहीं पा सकेंगे। राजन्! आप समझदार हैं, अत: इसी प्रकार विचार करके अपने मन्त्रियों की साधुता और असाधुता को समझ लीजिये। किसने दूषित हृदय से सलाह दी है और किसने दोषशून्य हृदय से, इसे भी जान लेना चाहिये। द्रोणाचार्य ने कहा- ओ दुष्ट! तू क्यों ऐसी बात कहता है, यह हम जानते है। पाण्डवों के लिये तेरे हृदय में जो द्वेष संचित है, उसी से प्रेरित होकर तू मेरी बातों में दोष बता रहा है। कर्ण! मैं अपनी समझ में कुरुकुल की वृद्धि करने वाली परम हित की बात कहता हूँ। यदि तू इसे दोषयुक्त मानता है तो बता, क्या करने से कौरवों का परम हित होगा। मैं अत्यन्त हित की बात बता रहा हूँ। यदि उसके विपरीत कुछ किया जायगा तो कौरवों का शीघ्र ही नाश हो जायगा-ऐसा मेरा मत है। इस प्रकार श्रीमहाभारत आदि पर्व के अन्तर्गत विदुरागमन-राज्यलम्भ पर्व में द्रोणवाक्यविषयक दो सौ तीनवाँ अध्याय पूरा हुआ।
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज