मनमोहन अदभुत डोल बनी -चतुर्भुजदास

मनमोहन अद्भुत डोल बनी -चतुर्भुजदास

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मनमोहन अद्भुत डोल बनी ।
तुम झूलो हों हरख झुलाऊं वृंदावन चंदधनी ॥1॥
परम विचित्र रच्यो विश्वकर्मा हीरा लाल मणी ।
चतुर्भुज प्रभु गिरिधरन लाल छबि कापें जात गनी ॥2॥

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