मीराँबाई की पदावली
विरह निवेदन राग देस
भवन पति तुम घरि आज्यो हो । |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भवन पति = घर के मालिक, स्वामी। घरि = घर पर। मांहिने = भीतर। तपत = ज्वाला। डोलताँ = डोलते फिरते। बिहावै = बीत जाती है। निदरा = नींद।
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