विषय सूची
भक्ति सुधा -करपात्री महाराज
सर्वसिद्धान्त-समन्वय
अबाधित प्रत्यभिज्ञा से भी एक स्थायी आत्मा की सिद्धि होती है। “जो मैंने चक्षु से घट देखा था, वहीं मैं हाथ से स्पर्श कर रहा हूँ। मैं, जिसने स्वप्न में हस्ती देखा था, वही मैं जाग रहा हूँ।” अतः स्पष्ट है कि स्वप्न, जागर आदि में एक ही आत्मा है। जो यह कहा जाता है कि क्षणिक विज्ञान सन्तान में ही पूर्व-विज्ञानकर्ता होगा, उत्तर विज्ञान भोक्ता होगा, ऐसी परिस्थिति में भी दूसरे के कर्म का दूसरा भोक्ता नहीं होगा। क्योंकि इसमें कार्य-करण भाव ही नियामक होगा। अर्थात एक विज्ञानधारा में तो कार्य-कारण भाव है, परन्तु दूसरी विज्ञानधारा के साथ दूसरी विज्ञानधारा का कार्यकारण भाव नहीं है। जैसे मधुर रस से भावित कर्षित भूमि में बोये हुए आम्र-बीजों की मधुरिमा अंकुर, काण्ड, स्कन्ध, शाखा, पल्लवादि द्वारा फल में भी पहुँचती है, जैसे लाक्षारस से सींचे हुए कार्पास-बीजों की रक्तता अंकुरादि परम्परा से कपास में पहुँचती है, वैसे ही जिस विज्ञान-सन्तान में कर्म और कर्मवासना आहित होती है उसी में फल भी होता है। यह भी ठीक नहीं है। कारण, दोनों ही दृष्टान्तों में बीजों का निरन्वय नाश नहीं होता है, किन्तु बीज के ही सूक्ष्म अवयव भिन्न-भिन्न भावना से भावित होकर फलादि रूप में पूर्ण विकसित होते हैं। परन्तु क्षणिकवादी के मत से तो विज्ञान का निरन्वय नाश होता है। इसके सिवा जैसे पिपीलिकाओं से भिन्न होकर उनकी पङ्क्ति नाम की कोई वस्तु नहीं है, ठीक वैसे ही सर्वत्र सन्तानी से भिन्न होकर सन्तान कोई वस्तु नहीं है। ज्ञान-ज्ञेय दोनों भिन्न काल में हो तो भी ग्राह्य-ग्राहक भाव नहीं बनेगा और यदि सव्येतर विषाण के समान समकाल में हो तो भी ग्राह्य-ग्राहक भाव नहीं बनेगा अतः स्थायित्व स्वीकार करना ही चाहिये। अतः ‘अकृताभ्यागमकृतविप्रणाश’ आदि दोषवारणार्थ स्थायी आत्मा का मानना अनिवार्य है। इनके मत में अनादि एक परमेश्वर कोई नहीं है किन्तु तप आदि से आवरण के प्रक्षीण हो जाने पर जिस आत्मा को अशेष विज्ञान हो गया वही सर्वज्ञ है। वह क्रमेण अनेक होते हैं। उन सर्वज्ञों से निर्मित आगम ही शास्त्र हैं, देह-परिमाण-परिमित आत्मा है। बन्ध दशा में जीव जल में लोष्टबद्ध तुम्बिका के समान डूबता-उतराता है। मोक्ष दशा में उसकी लघु तूल के समान सतत ऊर्ध्व गति होती है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रम संख्या | विषय | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज