बेष बन्यौ नंदनंदन प्यारे -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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बेष बन्यौ नँदनंदन प्यारे। सुदर नैना फिरत तुम्हारे।।
सुनत बेनु पसु पच्छी मोहे जमुना थाकी कथा बिचारे।
देखत गति सुर सुरपति मोहे जतन चंद चलिबे तै हारे।।
बिरहताप तन अधिक तपत है अब बिसरे दुख सबै हमारे।
'सूरदास' प्रभु अधिक चतुर जय जय श्री नंद दुलारे।। 4 ।।

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