ये बेचारे होते भी बड़े सीधे हैं,
पूछने से बता देंगे।
प्यारे कबूतरो!
बस, तनिक ठहर जाओ,
अधिक विलम्ब नहीं होगा,
इतना बता दो कि मुरलीमनोहर कैसे हैं?
उनके मुख की कान्ति में मलिनता तो नहीं आयी?
स्वस्थ और प्रसन्नवदन हैं न?
हैं, तुम उसी तेजी से उड़े जा रहे हो।
अरे भाई! तुम दयालु हो,
सीधे-सादे हो,
कुछ तो दया करो।
देखो, मैं तुम्हारे साथ-साथ दौड़ रही हूँ।
अच्छा, उड़ते-ही-उड़ते बता दो।