मीराँबाई की पदावली
आत्मं समर्पण
राग जोगिया
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बाल्हा = बल्लभ, प्रियतम। जीं जीं = जिन जिन। निरंजण = निरंजन परमात्मा का नाम। घट = शरीर। समता = सब के साथ बराबरी का भाव। पेरूँगी = पहनूँगी। कींगरी = किंगिरी, छोटी सांरगी जिसे बजाकर कुछ जोगी भी माँगते हैं ( देखो - ‘तजा राज राजा भा योगी। औ किंगिरी कर गये वियोगी’- जायसी)।
विशेष- प्रियतम के साथ तादात्म्य ग्रहण करने के निमित्त मीराँबाई ने इस पद में बैरागिन वा जोगिन के भेष धारण के रूपक से सहायता ली है।
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