बालि-नंदन आइ सीस नायौ -सूरदास

सूरसागर

नवम स्कन्ध

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राग मारू


 
बालि-नंदन आइ सीस नायौ।
अंध दसकंध कौं काल सूझत न प्रभु, ताहि मैं बहुत विधि कहि जनायौ।
इंद्रजित चढ़यौ निज सैन सब साजि कै, रावरी सैनहूँ साज कीजै।
सूर प्रभू मारि दसकंध, थपि बंधु तिहिं, जानकी छोरि जस जगत लीजै॥136॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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