मीराँबाई की पदावली
राग कनड़ी
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बंदे = सेवक या भक्त। वंदगी = ईश्वरराराधन। चार... खूबी = चंदरोज़ के लिए अपने गुण दूसरों पर प्रकट कर ले। द्राड़िमदा = अनार का। दा = का। ए = अय, अरे। मूल = मुख्य बात। भूल = धोखे में आकर। वे = अरे। हजूर = सामने, दर्बार में।
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