पुण्य

पुण्य एक पालि शब्द है, जिसका अर्थ 'सत्कर्म' या 'अच्छे कर्म' से होता है। आमतौर पर यह मठवासी तथा सामान्य बौद्ध द्वारा अच्छे कर्मों के लिए प्रयुक्त होता है, जिससे भविष्य में अच्छा पुनर्जन्म प्राप्त किया जा सके।

  • पुण्य को दान[1], शील[2] तथा भावना[3] द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भिक्षुओं को भोजन तथा कपड़े जैसी वस्तुएं या कोई मंदिर या मठ दान करना
  2. नैतिक प्रबोधन करना
  3. ध्यान का आचरण

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