पंचाल का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ था, जो कि एक प्राचीन देश का नाम है। यह ‘दिल्ली के उत्तर-पश्चिम में हिमालय पहाड़ की तराई से लेकर चम्बल नदी तक फैला हुआ था; उसके पश्चात् यह दो भागों में विभक्त हो गया; उत्तर पंचाल जो गंगा से हिमालय तक और दक्षिण पंचाल जो गंगा के दक्षिणी तट से चम्बल नदी तक विस्तृत था।'
- पांडवों के समय में यहाँ का राजा द्रुपद था।
- अर्जुन की सहायता से द्रोणाचार्य ने उत्तर पंचाल छीन लिया था।
- उत्तर पंचाल की राजधानी अहिच्छत्रपुर तथा दक्षिण पंचाल की राजधानी कंपिल थी।
- द्रौपदी यहीं के राजा की पुत्री थी, अतः उसे 'पांचाली' या 'द्रौपदी' कहते थे।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 67 |