परिश्रुत मधु

Disamb2.jpg परिश्रुत एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- परिश्रुत (बहुविकल्पी)

परिश्रुत शब्द का उल्लेख महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह एक प्रकार का मधु था, जिसे लाने के लिए विराट की रानी ने द्रौपदी को कीचक के निवास में भेजा था।

  • अज्ञातवास के समय राजा विराट की रानी सुदेष्णा ने द्रौपदी को कीचक के निवास में जाने की आज्ञा दी। द्रौपदी ने स्पष्ट निषेध करते हुए कहा, ‘‘हे रानी, तुम उसकी निर्लज्जता जानती हो। मैं वहाँ न जाऊंगी। मैं पहले ही तुमसे शर्त कर चुकी हूँ कि यहाँ रहते हुए किसी प्रकार कामभाव के वशीभूत न होऊंगी। तुम्हारे यहाँ सहस्रों दासियाँ हैं, और किसी को भेज दो।’’ किन्तु सुदेष्णा ने विश्वास दिलाया कि वैसा कुछ न होगा। तब द्रौपदी ने सूर्योदय के समय वहाँ जाना स्वीकार किया। उसे देखते ही कीचक अपने को न रोक सका। द्रौपदी ने कहा, ‘‘मुझे रानी ने अपनी सुराहारी के रूप में तुम्हारे यहाँ से परिश्रुत नामक मधु लाने को भेजा है, क्योंकि उसे प्यास लगी है।’’


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः