मीराँबाई की पदावली
विरहानुभव राग पूरिया धनाश्री
परम सनेही राम की निति ओलूँरी आवै ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ओलूं = स्मृति, याद। उकलावै = अकुलाता है, बेचैन है। रमैया = प्रियतम रूप राम। लगनि = प्रीति। वरण्यूं = वर्णन किया।
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