नागर स्याम नागरि नारि -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

Prev.png
राग नट


नागर स्याम नागरि नारि।
सुरत-रति-रन जीति दोऊ, अंग मनमथ धारि।।
स्याम तनु घन नील मानौ, तड़ित तनु सुकुमारि।
मनौ मरकत कनक संजुत, सच्यौ काम सँवारि।।
कोकगुन करि कुसल स्यामा, उत कुसल नंदलाल।
'सूर' स्याम अनंग नायक, बिबस कीन्ही बाल।।1989।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः