नहीं गर्भगृह ऐसा जिसमें नाथ -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

वंदना एवं प्रार्थना

Prev.png
राग भैरवी - ताल कहरवा


नहीं गर्भगृह ऐसा, जिसमें नाथ! तुम्हें पधराऊँ।
नहीं उपकरण पूजाके कुछ, जिनसे पूज रिझाऊँ॥
नहीं स्वर-सुधा फटे कण्ठमें, जो मैं गाय सुनाऊँ।
नहीं वाद्य, जो नाथ! तुम्हारे सम्मुख सरस बजाऊँ॥
इस सराय-से घरमें प्रभु! तुम आ‌ओ तो आ जा‌ओ।
बिना बुलाये, पूजाकी कुछ बात न मनमें ला‌ओ॥
पामर-परित्राणका अपना मंगल विरद बढ़ा‌ओ।
इस पद-विमुख अधमपर बरबस कृपा-सुधा बरसा‌ओ॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः