मीराँबाई की पदावली
राग सारंग
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नन्दनन्दन = श्रीकृष्ण को। विलमाई = लुभाकर रोक रक्खा। घेरी = चारों ओर से घेर लिया। लरजे = डोल डोल वा झुकझुक कर बरसाता है। सवाई = विशेष रूप से। विज्जु = बिजली। पुरवाई = पुरवा। सुणाई = सुना रही है।
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