देखी आजु अनोखी बात -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्रीराधा माधव लीला माधुरी

Prev.png
राग भैरव - तीन ताल


देखी आजु अनोखी बात।
ग‌ई हुती लै खरिक दोहनी, सुमिरत मोहन-गात॥
मन की जाननिहारे आ‌ए मुरली मधुर बजात।
निरखि रहे ग्वालिनि-तन ठाढ़े, मधुर-मधुर मुसुकात॥
सुनि मुरली-धुनि तिरछे नयननि निरखत मुख-जलजात।
भ‌ई बावरी, बिसरी तन-सुधि, रह्यौ नहीं कछु ग्यात॥
गैया के बदले नो‌ई ले बाँधी बरधा-लात।
प्रेम-सुधा-रस छकी ग्वालिनी ठाढ़ी पुलकित गात॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः