तोड़-फोड़कर मुझे बना लो -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

वंदना एवं प्रार्थना

Prev.png
राग वागेश्री - ताल कहरवा


तोड़-फोडक़र मुझे बना लो, प्रभु! अपने मन के अनुकूल।
रहने दो न किसी भी बाधक वस्तु-परिस्थिति को तुम भूल॥
तुरत छीन लो उस धन को, इज्जत को, जो बाधक हो अल्प।
कर दो ऐसा सारा सुख-विध्वंस, तुरत करके संकल्प॥
मेरे मनमें उठे कभी यदि तनिक कहीं ऐसा अभिलाष।
जो बाधक हो इसमें, कर दो तुरत, दयामय! उसका नाश॥
करने मत दो, हाथ-पैर-मुख-मन को ऐसा को‌ई काम।
जिससे तनिक तुम्हारी अविरत स्मृति में आये क्षणिक विराम॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः