झूलत फूल हिंडोरे स्याम।
स्यामा-सहित, वदन सुचि सुस्मित, चहुँ दिसि फूल ललाम॥
फूल हिंडोरा, फूल सुडोरी, आसन फूल सुठाम।
ता पर सुमन-सुकोमल राजत दोऊ मन अभिराम॥
फूल झूल रहे नील-पीतपट, फूलन के सृङ्गार।
करनफूल-कुंडल फूलन के, फूलन के गल-हार॥
दोउन के सब अंग सुसोभित विविध सुगंधित फूल।
सखी-सहचरी झूला दै-दै रहीं मनहिं-मन फूल॥