ज्ञानेश्वरी पृ. 384

श्रीज्ञानेश्वरी -संत ज्ञानेश्वर

Prev.png

अध्याय-11
विश्वरूप दर्शन योग

मैं आपको ‘कृष्ण’ कहकर बुलाया करता था; आपको भी दूसरे यादवों की भाँति समझा करता था और जब आप मेरे बुलाने पर मेरी बात अनसूनी करके जाने लगते थे, तब मैं आपको अपनी शपथ देकर रोकता था और ऐसा प्रायः किया करता था। एक ही आसन पर आपके साथ सटकर बैठा करता था अथवा आपकी बातों पर ध्यान नहीं देता था और परस्पर निकट सम्बन्ध होने से ऐसी धृष्टता मुझसे बार-बार हुई है। हे अनन्त प्रभु! इस प्रकार की बातें मैं कहाँ तक कहूँ। मैं समस्त अपराधों की राशि ही हूँ।

अत: हे प्रभु! मैंने परोक्षरूप से अथवा प्रत्यक्षरूप से आपके साथ जो कुछ अपराध किये हों, उन सबको आप माता की भाँति अपनी ममतारूपी पेट में रख लें और मुझे क्षमा करें। जिस समय कोई नदी मटमैले जल को लेकर आती है, उस समय समुद्र को वह जल भी स्वीकार करना ही पड़ता है। इसके अलावा उसके लिये अन्य कोई उपाय ही नहीं होता। इसी प्रकार प्रीति से अथवा प्रमाद से मैंने आपके विरुद्ध जो-जो व्यवहार किये हों, वे सब, हे मुकुन्द! आपको अपने क्षमा-गुण के कारण सहन करने ही पड़ेंगे। हे देव! आपकी क्षमाशीलता के कारण ही इस जीव-सृष्टि में यम का राज्य रह सकेगा। इसलिये हे पुरुषोत्तम! इस विषय में आपकी जितनी विनती की जाय, वह सब थोड़ी ही होगी, पर फिर भी हे अप्रमेय! आप मुझ शरणागत को इन सब अपराधों के लिये क्षमा करें।[1]

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (544-560)

संबंधित लेख

श्रीज्ञानेश्वरी -संत ज्ञानेश्वर
क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
पहला अर्जुन विषाद योग 1
दूसरा सांख्य योग 28
तीसरा कर्म योग 72
चौथा ज्ञान कर्म संन्यास योग 99
पाँचवाँ कर्म संन्यास योग 124
छठा आत्म-संयम योग 144
सातवाँ ज्ञान-विज्ञान योग 189
आठवाँ अक्षर ब्रह्म योग 215
नवाँ राज विद्याराज गुह्य योग 242
दसवाँ विभूति योग 296
ग्यारहवाँ विश्व रूप दर्शन योग 330
बारहवाँ भक्ति योग 400
तेरहवाँ क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग 422
चौदहवाँ गुणत्रय विभाग योग 515
पंद्रहवाँ पुरुषोत्तम योग 552
सोलहवाँ दैवासुर सम्पद्वि भाग योग 604
सत्रहवाँ श्रद्धात्रय विभाग योग 646
अठारहवाँ मोक्ष संन्यास योग 681

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः