श्रीज्ञानेश्वरी -संत ज्ञानेश्वर
अध्याय-10
विभूति योग
इतना कहकर कृपालु श्रीकृष्ण ने फिर कहा-“द्वादश आदित्यों में विष्णु मेरी प्रमुख विभूति हैं और प्रकाशमान पदार्थों में मैं रश्मियुक्त सूर्य हूँ। श्रीशांर्गी ने कहा कि उनचास मरुद्गणों में मैं ही मरीचि हूँ और तारागणों में मैं चन्द्रमा हूँ।[1]
गोविन्द ने कहा कि मैं वेदों में सामवेद हूँ, देवताओं में मरुद्बन्धु महेन्द्र हूँ, इन्द्रियों में ग्यारहवीं इन्द्रिय मन हूँ और प्राणिमात्र में जो स्वाभाविक चेतनाशक्ति है, वह सब मैं ही हूँ।[2] |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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