जयति जय श्रीबृषभानु-दुलारी -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्रीराधा कृष्ण जन्म महोत्सव एवं जय गान

Prev.png
राग आसावरी - तीन ताल


जयति जय श्रीबृषभानु-दुलारी॥
जयति कीर्तिदा जननी, जा‌ई जिन गुण-खानि राधिका प्यारी।
जय बृषभानु महीप-मुकुट-मनि, जिन घर जनमी जग-‌उजियारी॥
कृष्णा कृष्ण-जीवना, कृष्णाकर्षिनि कृष्ण-प्रान-‌आधारी।
परम प्रेम प्रतिमा, परिपूरन प्रिय-सुख अति सुख माननिहारी॥
प्रिय-सुख-समैं परम चतुरा नित, निज सुख समैं सुभोरी-भारी।
प्रिय-सुख लागि बिसरि सब अग-जग, सहित समोद प्रसंसा-गारी॥
टेक-बिबेक एक प्रियतम सौं, सब के सब संबंध निवारी।
भजत-भजत भजनीय भ‌ई अब, तुम्हरौ भजन करत, कंसारी॥

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः